सहस्त्र ताल ट्रेक: सहस्त्र ताल ट्रेक 2024

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Deepak Rana

General

सहस्त्र ताल ट्रैक उत्तराखंड के टिहरी जिले में पड़ता हैं जिसकी शुरुआत उत्तरकाशी जिले से होती है सहस्त्र ताल से दो नदियों का उद्गम होता है पिलंगना और भिलंगना सहस्त्र ताल खतलिंग ग्लेशियर का बेस है.

सहस्त्र ताल एक प्रसिद्ध धार्मिक ट्रैक है, जो उच्च हिमालय के बीच एक प्राचीन और आकर्षक यात्रा है। जिसकी शुरुआत मई – जून से होती है तथा अक्टूबर के लास्ट सप्ताह में यह ट्रैक ठंड के कारण बंद हो जाता है.

सहस्त्र ताल ट्रेक:सहस्त्र ताल ट्रेक 2024

प्रसिद्ध यात्रा लेखक और पर्वत प्रेमी बिल ऐटकेन ने इस क्षेत्र को ” गढ़वाल का झील जिला ” कहा है। इस क्षेत्र में अनेक झीलों के कारण। यह पथ पश्चिम में भागीरथी घाटी और पूर्व में भिलंगना घाटी के बीच उत्तर की ओर चलता है। जो खतलिंग ग्लेशियर का बेस भी है.

पौराणिक कथा के अनुसार

सहस्त्र ताल झील (जिसे शास्त्रु ताल या सहस्र ताल भी कहा जाता है) एक मध्यम आकार की अल्पाइन झील है जो 15,000 फीट/4600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। पौराणिक कथा के अनुसार एक राजा ने इस झील के तट पर भगवान विष्णु को एक हजार (सहस्त्र) ब्रह्म कमल फूल चढ़ाकर एक अनुष्ठान किया था।

स्थानीय लोग झील के चारों ओर अपने भगवान को ले जाने की वार्षिक रस्म निभाते हैं क्योंकि उनका मानना है कि यह शुभ होता है।

इस मार्ग पर पदयात्रा करते समय हिमालय का जंगल और विशालता निश्चित रूप से आपको प्रसन्न करेगी। मुख्य रूप से यह लंबी दूरी तक घुमावदार घास के मैदानों और चोटियों पर एक शानदार सैर है। कुश कल्याण और क्यारकी, दो विशाल और सुंदर अल्पाइन घास के मैदान हैं, जिन्हें गढ़वाली बोली में बुग्याल कहा जाता है। गर्मियों में हरे रंग के दूर-दूर तक फैले गहरे रंग आंखों को सुखदायक अनुभव देते हैं। इसके विपरीत शरद ऋतु में पीला और भूरा रंग हावी रहता है।

कुश कल्याण बुग्याल से एक कटक उत्तर की ओर बढ़ती है। यह रिज वॉक दर्शनीय है और दोनों तरफ उत्कृष्ट मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। क्यार्की से आगे बढ़ने पर कुछ छोटी और मध्यम आकार की झीलें रिज के दोनों ओर स्थित हैं। यह रिज वॉक यदि सहस्त्र ताल इस रिज के शीर्ष पर स्थित है। यह रास्ता कभी-कभार ही देखा जाता है, जो चरवाहों के लिए अपने मवेशियों को चराने का एक शानदार अवसर है। आप कुश कल्याण क्षेत्र के आसपास वन गुज्जरों से भी मिल सकते हैं।

सहस्त्र ताल ट्रैक से देखने वाले हिमखंड

गंगोत्री पर्वतमाला के साथ बंदरपूंछ, ब्लैक पीक/कालानाग, जोनली श्रीकंठ, गंगोत्री 1,2,3,द्रौपदी का डांडा सहित.

सहस्त्र ताल की ऊंचाई / Hight in Sahastra Tal Trek

यह एक मध्यम आकार की अल्पाइन झील है जो 15,000 फीट/4600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

तापमान

मई-जून (15C से 20C और रात 7C से 2C) सितम्बर-अक्टूबर (15C से 10C और रात 5C से -5C).

सहस्त्र ताल की यात्रा क्यों खास है

सहस्त्र ताल एक प्रसिद्ध धार्मिक ट्रैक है, जो उच्च हिमालय के बीच एक प्राचीन और आकर्षक यात्रा है।

माना जाता है की जब पांडव भोले नाथ की खोज में आए थे तो इसी मार्ग से केदार नाथ गए थे जिसके साक्ष्य आज भी मौजूद है

पौराणिक कथा के अनुसार एक राजा ने इस झील के तट पर भगवान विष्णु को एक हजार (सहस्त्र) ब्रह्म कमल फूल चढ़ाकर एक अनुष्ठान किया था।

सहस्त्र ताल झील (जिसे गड़वाली बोली में शात्रु ताल या सहस्र ताल भी कहा जाता

संक्षेप में, सहस्त्र ताल वास्तव में अनुभवी पैदल यात्रियों के लिए एक फायदेमंद और अनोखा ट्रेक है।

घूमनें का सबसे अच्छा समय/Best Time

सहस्त्र ताल ट्रैक का दौरा अक्सर सर्वोत्तम महीनों पर निर्भर नहीं करता है। यह मौसम और उस दृश्य पर भी निर्भर करता है जो आपको सबसे अधिक पसंद है। उस चरम अवधि के लिए चारों ओर देखें जब क्षेत्र अपनी सुंदरता के चरम पर होता है। मौसमी वितरण के लिए चारों ओर देखें और उस मौसम का चयन करें जिसका आप आनंद लेते हैं। हम अक्सर मई – जून और लास्ट अगस्त – सितंबर में आने की सलाह देते हैं क्योंकि वे बेहतरीन दृश्य प्रदर्शित करते हैं!

सहस्त्र ताल से निकलने वाली नदी

सहस्त्र ताल खतलिंग ग्लेशियर के पश्चिमी छोड़ पर स्थित है जिससे दो नदियों का उद्गम होता है पिलंगना और भिलंगना

पिलंग्ना : यह नदी सहस्र ताल के पश्चिम की ओर बहती है जो उत्तरकाशी जिले के लिए आती है जो गंगा की सहायक नदी है यह मल्ला से नीचे भेलाटिपरी (डांग) नामक स्थान पर भागीरथी से मिलती है

भिलंगना :

भिलंगना नदी भारत के उत्तराखंड में एक हिमालयी नदी है , जो भारत की गंगा नदी की स्रोत धारा भागीरथी नदी की प्रमुख सहायक नदी है। जिसका संगम भागीरथी से गणेश प्रयाग यानी पुरानी टिहरी में होता है भिलंगना भील और गंगा का मिश्रण है ।

मुख्य धारा , भिलंगना , खतलिंग ग्लेशियर के तल सहस्त्र ताल से निकलती है, जिसे पारंपरिक रूप से भागीरथी और गंगा दोनों का स्रोत माना जाता है और यह पुरानी टिहरी में भागीरथी में मिलती है , जो टिहरी बांध का स्थल है । यह अपनी प्रमुख सहायक नदी बाल गंगा से घनसाली (ऊंचाई 976 मीटर (3,202 फीट)) में मिलती है ।

बाल गंगा , जिसका उद्गम कुखली धार (टॉप) (ऊंचाई 4,600 मीटर (15,100 फीट)) के तल से निकलती है,बाल गंगा की एक छोटी सहायक नदी है, धर्म गंगा , जो 1,524 मीटर (5,000 फीट) की ऊंचाई पर बुडाकेदार (थाती कठूर) में इससे मिलती है।

खतलिंग ट्रेक मार्ग भिलंगना के साथ-साथ गुजरता है, जो सड़क मार्ग से पहुँचने योग्य अंतिम बिंदु, घुतू से शुरू होकर ग्लेशियर तक जाता है, यदि कोई ग्लेशियर से आगे की पगडंडी पर आगे बढ़े, तो वह केदारनाथ पहुँच सकता है।

सहस्त्र ताल ट्रैक की शुरुआत/Starding point in Sahastra Tal Trek

इस ट्रैक की शुरुआत उत्तरकाशी के भागीरथी घाटी के सिल्ला गांव से शुरू होती है जो उत्तरकाशी जिले से मात्र 30km और देहरादून से 280km दूर एक पर्यटन गांव है सिल्ला गांव में रहने के लिए होम स्टे और कैंप साइड मिलेगा शुद्ध आर्गेनिक पहाड़ी खाना मिलेगा

कुश कल्याण बुग्याल ट्रैक का बेस कैंप भी सिल्ला गांव ही है सिल्ला गांव से गंगोत्री केदार नाथ पैदल मार्ग कुश कल्याण बुग्याल से होकर पिंसवाड विलेज बुडाकेदार,घुटू त्रिजुगी नारायण केदारनाथ को जाता है

कुश कल्याण बुग्याल के बाद सभी प्रमुख मोबाइल नेटवर्क काम करते हैं। इसके बाद आपको मोबाइल सिग्नल नहीं मिलेगा. तदनुसार अपने परिवार/दोस्तों को सूचित करें।

कुश कल्याण से बेलाक या पिंसवार गांव और अंत में बुडा केदार और घनसाली तक मार्ग हैं। हालाँकि लॉजिस्टिक मूवमेंट चुनौतीपूर्ण हो जाता है और इसलिए महंगा भी हो जाता है।

आपको उत्तरकाशी के लिए सुबह देहरादून, ऋषिकेश और हरिद्वार तीनो जगह से बस मिल जाएगी। ये सुबह 7 बजे तक रवाना हो जाएंगे. उत्तरकाशी पहुंचने में लगभग 7/8 घंटे लगेंगे। और उत्तरकाशी में आप काशी विश्वनाथ के दर्शन करने के बाद उत्तरकाशी से आपको सिल्ला गांव के लिए एक साझा जीप मिल जाएगी जो गंगोत्री रोड पर 30 किलोमीटर ऊपर है।जो मल्ला से दांई ओर भागीरथ नदी और पिलंगना नदी को पार करके जाती है

लौटते समय बुडाकेदार ghansali से भी जा सकते बुडाकेदार में आप को बाबा बुडाकेदार के दर्शन भी होंगे और घनसाली से सुबह ऋषिकेश/हरिद्वार के लिए सीधी बसें मिल जाती है

हालाँकि पिंसवाड़ बुडाकेदार,घनसाली वाला मार्ग लॉजिस्टिक मूवमेंट चुनौतीपूर्ण हो जाता है और इसलिए महंगा भी हो जाता है।

ट्रेक बेस सिल्ला विलेज में एटीएम की कोई व्यवस्ता नही है। हालाँकि हमारी सलाह है कि आप पहले से ही नकदी निकाल लें, शायद देहरादून से या उत्तरकाशी से।

सिल्ला विलेज में सभी प्रमुख मोबाइल नेटवर्क काम करते हैं। इसके बाद आपको मोबाइल कुश कल्याण बुग्याल तक सिग्नल मिलेंगें कुश कल्याण बुग्याल से ऊपर नहीं मिलेगा. तदनुसार अपने परिवार/दोस्तों को सूचित करें।

ATM नकदी /Cash

ट्रेक बेस सिल्ला विलेज में एटीएम की कोई व्यवस्ता नही है। हालाँकि हमारी सलाह है कि आप पहले से ही नकदी निकाल लें, शायद देहरादून से या उत्तरकाशी से।

मोबाइल नेटवर्क/Mobil Network

सिल्ला विलेज में सभी प्रमुख मोबाइल नेटवर्क काम करते हैं। इसके बाद आपको मोबाइल कुश कल्याण बुग्याल तक सिग्नल मिलेंगें कुश कल्याण बुग्याल से ऊपर नहीं मिलेगा. तदनुसार अपने परिवार/दोस्तों को सूचित करें की 4-5दिन तक नेटवर्क में नही रहेंगे।

सहस्त्र ताल ट्रेक के लिए संक्षिप्त यात्रा कार्यक्रम: ITERNARY for Sahastra Tal Trek

दिन 1: देहरादून से उत्तरकाशी हो कर सिल्ला गांव तक ड्राइव – 180 किमी – 8/9 घंटे। होम स्टे / कैंपिंग साइड 

अपनी यात्रा उत्तराखंड की राजधानी देहरादून या या योग नगरी ऋषिकेश से शुरू करें।

ऋषिकेश या देहरादून से उत्तरकाशी सिल्ला विलेज तक ड्राइव करें, जो सहस्त्र ताल ट्रेक के लिए आधार का काम करता है।

सिल्ला  में होमस्टे या कैम्पिंग स्थल पर रुकें।

आराम करें और आगामी ट्रेक के लिए तैयार रहें।

दिन 2: सिल्ला से पापुड़ा तक ट्रेक – 8 किमी – 5/6 घंटे। 

सिल्ला गांव  से इस ट्रैक की शुरू आत होती जिसमे 8km का ट्रैक करके पापुडा कैंप साइड पंहुचते है ।

यह मार्ग आपको घने जंगलों और से होकर ले जाएगा।

 पापुड़ा में रात्रि विश्राम।

दिन 3: पापुडा से कुश कल्याण तक ट्रेक  -8 किमी – 5/6 घंटे। 

पापुड़ा से कुश कल्याण तक 8km, का ट्रैक हैंअपना ट्रेक जो काफी खुबसूरत भोज के घने पेड़ों से होकर जाता है यह मार्ग आपको मनोरम परिदृश्यों से होकर ले जाएगा। जिसमे आप को गंगोत्री हिमालय का दृश्य दिखता हेजिसमे बंदर पूंछ ब्लैक पिक , श्रीकठ, जोनली,डीकेडी,गंगोत्री 1,2,3 आदि कुश कल्याण में रात्रि विश्राम 

दिन 4: कुश कल्याण से क्यार्की तक ट्रेक – 12 किमी – 8/9 घंटे। कैंपिंग साइड 

कुश कल्याण बुग्याल से क्यार्कि तक का ट्रैक काफी खुबसूरतऔर घास  के मैदान से होकर गुजरता जिसमे बवानी बुग्याल पड़ता है जिसमें आप को चढ़ाई देखने को मिलेगीऔर ऊंचाई बड़ने के साथ यह मार्ग चुनौती पूर्ण हो जाता है।

दिन 5: क्यार्की से लम्ब ताल तक ट्रेक – 6 किमी – 3/4 घंटे। 

आज आप क्यार्की से लेकर उच्च ऊंचाई वाली झील लैम्ब ताल तक ट्रेकिंग करेंगे। जिसमें आप पांडव सेरा, धर्मशाला से होकर जाएंगे जो बहुत बड़े बुग्याल है

लैम्ब ताल के पास कैम्प लगाएं और शांत वातावरण का आनंद लें।

रात्रि शिविर में रुकना।

दिन 6:  लम्ब ताल से परी ताल तक ट्रेक

 – 7 किमी – 5/6घंटे। 

 – लंब ताल से परी ताल तक का ट्रैक थोड़ी बहुत चुनौती पूर्ण हो सकता है क्योंकि लंब ताल से 2km कुखली टॉप चढ़ना पड़ेगा फिर उतरना पड़ेगा कुखली टॉप से आप हिमालय को 360° ब्यु देख सकते है

दिन 7: परी ताल से सहस्र ताल बैक लंबताल,धर्मशाला , पांडव सेरा तक ट्रेक – 12किमी -9/10। घंटे।

आज आप को summit के लिए 4am पे उठना पड़ेगा । 5am पे ट्रैक शुरू करेंगे और सहस्त्र ताल के दर्शन करने के बाद कैंप में आकर लंच करके पांडव सेरा के आप कैंप लगाएंगे 

दिन 8: पांडव सेरा धर्मशाला से कुश कल्याण  तक ट्रेक – 18 किमी  – 8- 9 घंटा 

दिन 9: कुश कल्याण बुग्याल से सिल्ला विलेज  – 16किमी – 8/9 घंटे।

हालाँकि आप  पिंसवाड़  बुडाकेदार,घनसाली वाला मार्ग से भी देहरादून जा सकते है लेकिन लॉजिस्टिक मूवमेंट चुनौतीपूर्ण हो जाता है और इसलिए महंगा भी हो जाता है।  

दिन 10: सिल्ला विलेज से देहरादून, ऋषिकेश -180km 8/9घंटा 

सुरक्षा उपकरण Seftey Tool

शिविर स्थल पर प्राथमिक चिकित्सा, मेडिकल किट, ऑक्सीजन सिलेंडर, स्ट्रेचर, वॉकी-टॉकी आदि उपलब्ध रहेंगे।

आवास | Stay

पहले दिन से लेकर आखिरी दिन तक ठहरने की सुविधा शामिल है। टेंट/होमस्टे/लॉज उपलब्ध कराए जाएंगे। ट्रिपल शेयरिंग आवास और लड़कियों/महिलाओं के लिए अलग से आवास उपलब्ध कराया जाएगा।

भोजन Food

पहले दिन के डिनर से लेकर आखिरी दिन के नाश्ते तक सभी भोजन शामिल हैं। ट्रेक के दौरान शाकाहारी भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।

परमिट/ वन शुल्क

यूटीटी ट्रैकिंग परमिट और वन पास की व्यवस्था करेगा।

अनुभवी ट्रेक लीडर और टीम

बुनियादी/उन्नत पर्वतारोहण पाठ्यक्रम प्रमाण पत्र/डिग्री रखने वाले योग्य ट्रेक लीडर ट्रेक में सहायता करेंगे।

अन्य स्टाफ सदस्यों में योग्य रसोइये, सहायक और कुली शामिल हैं।

खच्चर और कुली शुल्क

आम तौर पर हम उम्मीद करते हैं कि ट्रेकर्स अपना बैग खुद ही ले जाएंगे। जो लोग खच्चर/कुली का उपयोग करना चाहते हैं, उन्हें इसके लिए प्रतिदिन के हिसाब से अलग से भुगतान करना होगा।

ट्रेकिंग उपकरण किराये पर

यदि आप ट्रेकिंग उपकरण किराए पर लेने में रुचि रखते हैं, तो आपको पहले हमें बताना होगा। हमें [email protected] पर ईमेल करें या व्हाट्सएप करें 8941039654

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F&Q

Q.सहस्त्र ताल कहां है?

A.सहस्त्र ताल उत्तराखंड के टिहरी जिले में स्थित है

Q.सहस्र ताल की ऊंचाई कितनी है ?

A.सहस्त्र ताल की ऊंचाई 4600मीटर (15000फिट)

Q.सहस्त्र ताल कोनसे जिले में स्थित है

A.यह टिहरी और उत्तरकाशी जिलों के बॉर्डर पर स्थित है लेकिन कुछ कारण से यह टिहरी जिले में आता है

Q.उत्तराखंड का सबसे गहरा ताल 

A.सहस्त्र ताल गड़वाल क्षेत्र का सबसे गहरा ताल है जिसकी गहराई तकरीबन 40मीटर है

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